09 नवम्बर, 2000 को अलग राज्य उत्तराखण्ड घोषित किये जाने के पश्चात् उत्तराखण्ड राज्य द्वारा क्षेत्रीय एवं जिला स्तर में खेलों के उन्नयन तथा खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु खेल विभाग की स्थापना दिनांक 13 अगस्त 2001 को खेल निदेशालय, उत्तराखण्ड के नाम से देहरादून में की गयी।
उत्तराखण्ड राज्य प्राकृतिक संसाधनांे, अनुकूल जलवायु तथा भौगोलिक दृष्टि से खेलों के विकास के लिए अत्यन्त ही उपयोगी है। मानव संसाधन विकास के लिए “खेल एवं शारीरिक शिक्षा” महत्वपूर्ण अंग हैं। स्वस्थ नागरिक, समाज एवं राष्ट्र को सुसंगति एवं स्वस्थ आधार प्रदान करता है। अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के खिलाड़ियों का उत्कृष्ठ प्रदर्शन, राष्ट्रीय सम्मान एवं राष्ट्र भक्ति का द्योतक है। खेल, राष्ट्रीयता की भावना तथा देश की अखण्डता एवं एकता को सुदृढ़ करने मंे महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है।
खेल निदेशालय, उत्तराखण्ड द्वारा प्रत्येक जनपद में स्टेडियम एवं बहुउद्देशीय क्रीड़ा हाल का निर्माण कराये जाने की योजना है, साथ ही उपलब्ध अवस्थापना सुविधाओं का उच्चीकरण एवं विस्तारीकरण का कार्य भी कराया जायेगा। उत्तराखण्ड राज्य के 13 जनपदों में से 11 जनपदो में 23 स्टेडियम निर्मित हैं। जनपद टिहरी गढ़वाल एवं जनपद बागेश्वर में स्टेडियम हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध न होने के कारण दोनों जनपदो में स्टेडियम का निर्माण लम्बित है। प्रदेश में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 02 स्टेडियम (हल्द्वानी एवं देहरादून) में बनाये गये हैं। इनके अतिरिक्त 05 बहुउद्देशीय क्रीड़ाहॉल, 17 इंडोर क्रीड़ाहाल, 03 तरणताल के साथ ही 01 आईस स्केटिंग रिंक निर्मित है। इसके अतिरिक्त 03 स्टेडियम, 08 बहुउद्देशीय क्रीड़ाहॉल के साथ ही 01 एक्वेटिक संेटर निर्माणाधीन है।
विभाग द्वारा 02 स्पोर्ट्स कॉलेज यथा देहरादून (फुटबॉल, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, वालबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, जूडो एवं क्रिकेट खेलेेे) एवं पिथौरागढ़ (एथलेटिक्स, बॉक्सिंग एवं फुटबॉल खेल) के साथ ही देहरादून एवं हल्द्वानी (नैनीताल) में 02 आवासीय फुटबॉल बालक क्रीड़ा छात्रावास, पिथौरागढ़ में आवासीय बॉक्सिंग बालिका क्रीड़ा छात्रावास, कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल) में आवासीय बॉक्सिंग बालक क्रीड़ा छात्रावास एवं अगस्त्यमुनि (रूद्रप्रयाग) में आवासीय एथलेटिक्स बालिका क्रीड़ा छात्रावास, पौड़ी गढ़वाल में आवासीय बैडमिन्टन बालक क्रीडा छात्रावास, हरिद्वार में आवासीय हॉकी बालिका क्रीड़ा छात्रावास, चमोली में आवासीय वॉलीबॉल बालक क्रीड़ा छात्रावास, टिहरी गढ़वाल में आवासीय बालक क्रिकेट क्रीड़ा छात्रावास, उत्तरकाशी में आवासीय फुटबॉल बालिका क्रीड़ा छात्रावास, ऊधमसिंह नगर में आवासीय एथलेटिक्स बालक क्रीड़ा छात्रावास, अल्मोड़ा में आवासीय बैंडमिंटन बालिका क्रीड़ा छात्रावास एवं टनकपुर (चम्पावत) में आवासीय बॉक्सिंग बालक क्रीड़ा छात्रावास संचालित है। इन चयनित खिलाड़ियों को विभाग द्वारा खेल प्रशिक्षण, आवासीय सुविधा, भोजन, खेल उपकरण, खेलकिट, शिक्षा एवं चिकित्सा आदि की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती है।
राज्य के जनमानस हेतु खेल एवं शारीरिक क्षमता, विकास के अवसर प्रदान करने हेतु मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना।
अवस्थापना सुविधाआंे का सृजन, विकास एवं सुदृढ़ीकरण।
खेल के माध्यम से युवा शक्ति को राष्ट्र के उत्थान, सामाजिक मूल्यों के प्रति निष्ठावान, अनुशासन तथा प्रगति की ओर अग्रसर होने की प्रबल इच्छा शक्ति का निर्माण करना।
राज्य के उद्ीयमान खिलाड़ियों को राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता मंे उल्लेखनीय सफलता अर्जित करने हेतु तैयार करना।
इस पुस्तिका में खेल विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का उल्लेख है जैसेः-
खिलाड़ियों हेतु प्रशिक्षण शिविर
प्रतियोगिता का आयोजन
राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार
राज्य के विशिष्ट खिलाड़ियों को राज्य पुरस्कार
विभिन्न खेल संघों को प्रतियोगिता आयोजन एवं उपकरण क्रय हेतु अनुदान राष्ट्रीय प्रतियोगिता से पूर्व राज्य की भाग लेने वाली टीमों को विशेष प्रशिक्षण शिविर एवं किट व्यवस्था आदि।
यह जानकारी विशेष रूप से राज्य के विभिन्न खेलकूद संघों, क्लबों, खेल आयोजकों तथा खिलाड़ियों के लिए विशेष उपयोगी है। इस जानकारी में खेलों से सम्बन्धित शब्दावली जैसे- खेल प्रतियोगिताएं, खेल प्रशिक्षण शिविर, खेलों हेतु स्टेडियम निर्माण आदि सामान्य शब्दों का ही प्रयोग किया गया। इससे सम्बन्धित विस्तृत जानकारी खेल निदेशालय, उत्तराखण्ड, देहरादून से प्राप्त की जा सकती है।
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