समेकित रूप से नीति के उद्देश्य को निम्नरूप में परिभाषित किया जा सकता हैः-
1. राज्य में उच्च नैतिक मूल्यों, साहचार्य की भावना, नेतृत्व की शक्ति द्वारा खेल संस्कृति को विकसित करना।
2. राज्य के युवाओं का E- culture से P- culture की ओर लेकर जाना।
3. खेलों में जन भागीदारी को प्रोत्साहित करना एवं नागरिकों को खेलों में प्रतिभाग किये जाने हेतु समान अवसर प्रदान करना।
4. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल अवस्थापनात्मक संरचनाओं को विकसित करना, रख-रखाव करना एवं उनका अनुकूलतम उपयोग करना।
5. प्रतिभावान खिलाड़ियों को मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने हेतु प्रशिक्षित करना एवं प्रोत्साहित करना।
6. राज्य में खेल भावना एवं खेल संस्कृति विकास हेतु अर्न्तविभागीय सहयोग से जागरूकता प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिताओं का संचालन।
7. शैक्षणिक संस्थानों] विश्वविद्यालयों में खेल संबंधी आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने पर विशेष बल देना।
8. जीवंत युवा ऊर्जा को खेल गतिविधियों एवं शारीरिक योग्यता के माध्यम से सकारात्मक दिशा देना।
9. खेलों में उत्कृष्ट प्रर्दशन करने वाली प्रतिभाओं को पहचानना, तराशना एवं उन्हें उच्च स्तरीय प्रदर्शन हेतु प्रोत्साहित करना उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराना।
10. दिव्यांगों की विशेष जरूरतों की पहचान कर उनकी खेलों में अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करना एवं उन्हें खेल आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना।
11. उत्तराखण्ड राज्य में साहसिक खेलों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रयास करना एवं पर्यटन को आकर्षित करने हेतु विविध साहसिक खेल संबंधी गतिविधियों को आगे बढ़ाना।
12. राज्य को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की पदक तालिका में उच्च स्तर प्राप्त करने हेतु खिलाड़ियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की आधारभूत सुविधाओं के साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुये उत्कृष्ट खिलाड़ियों को दिशा प्रदान करना।
13. खिला़िड़यों में प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता निर्माण हेतु स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
14. राज्य क्रीड़ा संघों को खेलों के विकास हेतु समुचित सहयोग एवं सुविधायें उपलब्ध कराना।
15. खेलों में वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण की आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ खेल विज्ञान के तथ्यों को सम्मिलित करना।
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