राज्य में खेलों में मुख्य बाधा वित्तीय संसाधनों की कमी है। राज्य में खेलों के विकास के लिए जहाॅ एक ओर केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा अधिक बजटीय प्राविधान उपलब्ध कराने की आवश्यकता होगी, वहीं दूसरी ओर निगमित निधियां जुटाने के लिए विशेष प्रयासों की भी आवश्यकता होगी। तद्नुसार, निगमित घरानों से सम्पर्क किया जायेगा। अलग-अलग खेल विधाओं के लिए सरकार और सम्बन्धित खेल परिसंघों तथा निगमित घरानों के बीच त्रिपक्षीय समझौता किया जा सकता है। आर्थिक उदारीकरण की नीति के संदर्भ में, सामान्य रूप से, निजी/ नियमित क्षेत्र ख्ेालों के संवर्धन से ज्यादा बारीकी से जुड़ेगें तथा विशेष रूप से, खेल अवस्थापना के निर्माण और रखरखाव में नवीनतम् प्रौद्योगिकीयों पर बल दिया जायेगा। इस प्रयोजन केलिए एक उपयुक्त प्रोत्साहन पैकेज भी बनाया जा सकता है। राज्य सरकार खेलों एवं अवस्थापनाओं की सुविधाओं के सृजन हेतु आवश्यकतानुसार वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने हेतु एक खेल निनिध की स्थापना करेगी। इस निधि में राज्य सरकार, शासकीय एवं अद्र्वशासकीय विभागों, उद्योग घरानों आदि से वित्तीय सहायता प्राप्त करेगी तथा इस निधि से ख्ेाल योजनाओं के संचालन, खिलाडि़यों को प्रोत्साहन एवं सुविधाओं तथा अवस्थानाओं के सृजन हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।
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